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महादेव के बारह ज्योतिर्लिंग में अंतिम है घुश्मेश्वर मंदिर। यह स्थित है महाराष्ट्र राज्य में, दौलताबाद से १२ मील दूर, वेरुल गाओं के पास। इसे घुश्मेश्वर, घुसृणेश्वर या घृष्णेश्वर भी कहा जाता है।
यह भारत का सबसे छोटा ज्योतिर्लिंग मंदिर है।
इस मंदिर का उल्लेख शिव पुराण और पद्म पुराण में किया गया है। 13वीं-14वीं शताब्दी में दिल्ली सल्तनत द्वारा इस स्थल को नष्ट कर दिया गया था। मंदिर का पुनर्निर्माण मराठा शासक शिवाजी के दादाजी , वेरूल के मालोजी भोसले ने 16वीं शताब्दी में करवाया था।...
महादेव के बारह ज्योतिर्लिंग में ग्यारहवाँ है रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग मंदिर। यह स्थित है तमिलनाडु के रमनाथम में। यह मंदिर 15 एकड़ ज़मीन पर फैला हुआ है। इसके गोपुरम बहुत ऊंचे है। इसके इर्द गिर्द 4,000 फुट का गलियारा हैं, जिसमे 4,000 नक्काशीदार ग्रेनाइट के खंभे हैं - यह दुनिया का सबसे लंबा गलियारा है।
रामेश्वरम मंदिर के अंदर कुल 22 कुंड हैं ...
जय भोलेनाथ।
महादेव के बारह ज्योतिर्लिंग में ग्यारहवाँ है नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर। नागेश्वर ज्योतिर्लिंग सौराष्ट्र गुजरात में गोमती और द्वारका के बीच दारुकावन में स्थित है। नागेश्वर का पूर्ण अर्थ है- नागों का इश्वर। 1996 में सुपर कैसेट्स उद्योग के मालिक स्वर्गीय श्री गुलशन कुमार द्वारा नागेश्वर के वर्तमान मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया था।
मंदिर का मुख्य आकर्षण भगवान शिव की मूर्ति है जो लगभग 125 फीट ऊंची और 25 फीट चौड़ी है। लोग यहां भगवान शिव के साथ देवी पार्वती की भी...
महादेव के बारह ज्योतिर्लिंग में आठवां है त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर। त्र्यंबकेश्वर मंदिर महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित है। यह भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन हिंदू मंदिर है। पवित्र नदी गोदावरी का स्रोत यहां त्र्यंबक में एक कुंड से है। इस कुंड को 'कुशावर्त' के नाम से जाना जाता है।
कहते है कि त्र्यंबकेश्वर मंदिर का निर्माण काले पत्थरों से किया गया है, इस मंदिर का निर्माण कार्य बहुत ही अनोखा तथा आकर्षक है।
आइये जानें त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग को लेकर जुड़ी हुई बहुत ही...
महादेव के बारह ज्योतिर्लिंग में सांतवां है विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर। यह भारत के उत्तर प्रदेश में वाराणसी में गंगा नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है। वाराणसी को पहले काशी कहा जाता था, और इसलिए इस मंदिर को काशी विश्वनाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है।
आइये जानें- विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग को लेकर जुड़ी हुई बहुत ही अनोखी पौराणिक कथा।
Vishweshwar Jyotirlinga Temple is the seventh among the twelve Jyotirlingas of Mahadev...
महादेव के बारह ज्योतिर्लिंग में नौवाँ है बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर।
वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर, जिसे बाबा बैद्यनाथ धाम और बैद्यनाथ धाम के नाम से भी जाना जाता है, शिव का सबसे पवित्र निवास स्थान माना जाता है। यह भारत के झारखंड राज्य के संथाल परगना में देवघर में स्थित है। यह एक मंदिर परिसर है जिसमें बाबा बैद्यनाथ का मुख्य मंदिर है, जहाँ ज्योतिर्लिंग स्थापित है, और 21 अन्य मंदिर हैं।
Baidyanath Jyotirlinga Temple is the 9th among the 12 Jyotirlingas of Mahadev...
श्री भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग भगवान् शंकर के १२ ज्योतिर्लिंगों में छठा स्थान है। पुणे से 110 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम की सह्याद्रि पर्वत माला में मौजूद ये मंदिर भीमा नदी के किनारे स्थित है। यहाँ का शिवलिंग अकार में बहुत ही बड़ा होनेके कारन भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग को मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है।
आईये जानें भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के स्थापित होने की प्रचलित कहानी :
Shri Bhimashankar Jyotirlinga is the sixth place among the 12 Jyotirlingas of Lord Shankar...
१२ ज्योतिर्लिंगोंमे से ५ वा है श्री केदारनाथ। तपस्वी, भस्म लगाने वाले गिरिश्वर को सदा से ही शांत और दुर्गम जगहे रास आती है । शायद इसीलिए केदारनाथ मंदिर हिमालय पर्वत की गोद में स्थित 12 ज्योतिर्लिंग में शामिल है।
इतिहास बताता है कि, यह मंदिर पांडवों द्वारा बनाया गया था और इसे शिव के मंदिरों में सबसे पवित्र माना जाता है। केदारनाथ तीर्थ की गणना केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के रूप में चार धामों में की जाती है।
Shri Kedarnath is the 5th out of 12 Jyotirlingas...
१२ ज्योतिर्लिंगों में चौथा मध्य प्रदेश की नगरी शिवपुरी में मान्धाता पर्वत पर भगवान शिव ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के रूप में मौजूद हैं। इस मंदिर में शिव भक्त कुबेर ने भगवान की तपस्या करके शिवलिंग की स्थापना की थी।
आइये जानें- श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग को लेकर जुड़ी हुई बहुत ही अनोखी पौराणिक कथा।
Lord Shiva is present in the form of Omkareshwar Jyotirlinga on Mount Mandhata in Shivpuri city of Madhya Pradesh, the fourth of the 12 Jyotirlingas...
कहा जाता है कि जो महाकाल भक्त है उसका काल कुछ नहीं बिगाड़ सकता। मध्यप्रदेश के उज्जैन में पावन शिप्रा नदी के तट के निकट भगवान शिव महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के रूप में विराजमान है। श्री महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग भारत में 12 प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में से तीसरा है किंतु अगर प्रभाव की दृष्टि से देखा जाए तो इसका स्थान पहला होना चाइये।
आइये जानें- उज्जैन महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग को लेकर जुड़ी हुई बहुत ही अनोखी पौराणिक कथा।
It is said that nothing can harm the devotee of Mahakal...